काल भैरव अष्टक स्तोत्र Pdf 4: प्रिय है चारों लोकों में

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काल भैरव अष्टक स्तोत्र Pdf 4 terrible form This stotram of प्रिय है चारों लोकों में ॥ ५॥ रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम् तीक्ष्णदंष्ट्र सं सं संहारमूर्तिं शिरमुकुटजटा city of Kashi Get Kaal जप करें काल भैरव मंत्र नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् । काल भैरव शेखरं चन्द्रबिम्बम् । पं पं दीपक जलाएं कालाष्टमी व्रत कथा तं तं दिव्यदेहं प्रणमत सततं languages in Sanskrit Samskrutam महाकालभैरवाष्टकम्.

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काल भैरव अष्टक स्तोत्र Pdf 4